Sunday, August 31, 2008

जन्मदिन मुबारक हो ....अमृता जी


अमृता जी! जन्म दिन मुबारक हो, आप जहां भी होंगी, तारों की छांव में, बादलों की छांव में ,सब कुछ देख रही होंगी, आपको मेरी और आपके सभी चाहने वालों की ओर से जन्म दिन मुबारक।
आज मुझे वह दिन भी याद आ गया जब मैं अमृता से मिलने उनके निवास हौसखास गई थी। उस दिन वे बहुत बीमार थी या यूं कहिए कि वे बीमार ही चल रही थी उन दिनों, ज्यादा बोल नहीं पा रही थी लेकिन फिर भी उन्होंने मुझे कुछ पल दिये, वो कुछ पल मेरे लिये सदैव अनमोल रहेंगे। यह मुलाकात मैं अकेले नहीं करना चाहती थी , लेकिन जब मिलने की घड़ी आयी तो मैं अकेले ही गई। मैंने इमरोज और अमृता दोनों से बातें की, यूं समझ लें कि उन पलों में हर बात जानने के लिये जल्दबाजी महसूस हो रही थी। उनके लेखन के बारे में , उनके और इमरोज के साथ साथ जीवन गुजारने के बारे में , उनके परिवार के बारे में, दुनिया की सोच के बारे में। सभी बातें हुई भी। उन्होंने औरत, प्यार, संबध और समाज सभी पर खुल कर कहा, उनके इस कहने में इमरोज ने काफी मदद की क्योंकि वे बोल नहीं पा रही थी। वैसे भी अमृता का जिक्र हो, इमरोज का न हो, ये कैसे हो सकता है?
वो सब मैंने सखी के अप्रैल २००३ के अंक में एक आर्टीकल "अपनी बात" में समेटा। सखी जागरण ग्रुप की महिला मैगजीन है। उस समय मैं जागरण ग्रुप के साथ ही जुड़ी थी। इसे आप भी पढ़ सकते हैं।
सालों बाद ,अभी पिछले सप्ताह फिर मेरी मुलाकात इमरोज से हुई, बहुत सी बातें हुई उनसे। मेरा फोकस था कि वे अमृता के बगैर कैसे समय बिता रहे हैं, उन्होंने मेरे इस जुमले पर एतराज किया, कहा, अमृता को पास्ट टेंस में मत कहो, वो मेरे साथ ही है, उसने जिस्म छोड़ा है, साथ नहीं। मैं कहीं भीतर तक उनकी इस बात से अभिभूत हो गई। फिर मन में ख्याल आया, अरे मैं तो आज भी अकेली ही आयी हूं। बेइंतहा मोहब्बत की कहानी को जान कर उनके सच्चे किरदारों को मिल कर ´कुछ` याद आ जाना लाजमी है। आज कहां है ऐसे प्यार करने वाले????
बहुत बातें हुई, बहुत देर बातें हुई, वो मैं अगली पोस्ट में लिखूंगी।
एक बात और .... इस ब्लॉग की शुरुआत शायद इसी पोस्ट के साथ होनी थी ....ये इस ब्लॉग पर पहली पोस्ट है ....कुछ खास हस्तियां....इस ब्लॉग में पहला कदम अमृता का....... आपको कैसा लगा ?

6 comments:

Akanksha Yadav said...

पहली बार आपके ब्लॉग पर आई हूँ. वाह ! अमृता जी को बड़ी खूबसूरती से आपने याद किया है..बधाई !!

Om Sapra said...

amrita ji par bahut sunder aur prabhavshali blog ban para hai. bhadhai ho. amrita ji ek senior writer to thi aur saath me wo ek shandar aur hamdard insaan bhi thi. unki pragtisheelta unke lekhan mein spasht jhalakta hai. ---puna bhadhai ho.-
-om sapra, delhi-9
9818180932

ρяєєтii said...

हम सिर्फ अमृता प्रीतम को जानते थे. स्कूल में उन्हें ही पढ़ा था न् . २ दिन पहले "माँ" ने हमें इमरोज़ जी से परिचय करवाया, ofcourse उनकी बातो से ... हमें अमृता-इमरोज़ के बारे में जानने की और जिज्ञाशा हुई और इसी जिग्याशावश हम खोजते खोजते आपके ब्लॉग तक पहुच गए, और आपके द्वारा भी इन्हें कुछ ओर जाना ., बहूत शुक्रिया ...
बधाई आपके ब्लॉग और इस् पोस्ट के लिए ...!

Anonymous said...

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Anonymous said...

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Anonymous Soul said...

meine pahli baar amrita ji ki story 12Th std ki hindi ki book mein padhi thi padhne ke baad mere man mein amrita ji ke baare mein janne ki iccha hui is blog ke karan meine amrita ji ke baare mein kafi kuch jaana thank you very much. monica